लता मंगेशकर जी की  जीवन रेखा के बारे मैं जाने (जीवनी )

 

 

 

लता मंगेशकर जी का जन्म 28 September 1929 इंदौर मैं हुआ लता. मंगेशकर जी के जन्म के वक़्त नाम हेमा रखा गया लेकि


कुछ साल बाद अपने थिएटर के एक पात्र मैं लतिका के नाम पार, दीनानाथ जी ने उनका नाम लता रखा. जबसे पूरी दुनिया लता जी के नाम से
जाने जाने लगी

शुरूआती सफर मैं लता मंगेशकर जी काफी चीज़ो का सामना करना पड़ा जैसे पतली आवाज़ होने की वजह से लता मंगेशकर जी को आलोचना का सामना करना पड़ा जो पहचान मिली 1948 फ़िल्म  मजबूर के गाने दिल मेरा तोडा से उन्हें पहचान मिली

लता मंगेशकर जी 5 साल की age मैं ही लता जी ने अपने पिता से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी  

वर्ष 1969 पद्म भूषण से सम्मन्ति किया गया इसके बाद पद्म भूषण 1999 मैं और 1989 मैं दादा साहेब फाल्के अवार्ड मिला 

लता मंगेशकर जी शादी किससे हुई ?
लता मंगेशकर जी ने कभी शादी नहीं की, वो कुंवारी ही रहीं और गायकी की उनकी पहली मुहब्बत रही.

लता मंगेशकर जी की लोकप्रियता का राज क्या है
लता मंगेशकर जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायिका के रूप में रही है।



लता जी को सर्वाधिक गीत रिकार्ड करने का भी गौरव प्राप्त है। फ़िल्मी गीतों के अतिरिक्त आपने ग़ैरफ़िल्मी गीत भी बहुत खूबी के साथ गाए हैं।  और एक के बाद एक कई गीत गाने का मौक़ा मिला। इन में से कुछ प्रसिद्ध गीतों का उल्लेख करना यहाँ अप्रासंगिक न होगा।

जिसे आपका पहला शाहकार गीत कहा जाता है वह 1949 में गाया गया “
लता जी की प्रतिभा को पहचान मिली सन् 1947 में, जब फ़िल्म “आपकी सेवा में” उन्हें एक गीत गाने का मौक़ा मिला। इस गीत के बाद तो आपको फ़िल्म जगत में एक पहचान मिल गयी


मृत्यु
6 फरवरी 2022 को मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने 92 साल की उम्र में अपनी आखिरी साँसें ली। 

 

 

पुरस्कार

    फिल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 and 1994)
    राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 and 1990)
    महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 and 1967)
    1969 - पद्म भूषण
    1974 - दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड
    1989 - दादा साहब फाल्के पुरस्कार
    1993 - फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
    1996 - स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
    1997 - राजीव गान्धी पुरस्कार
    1999 - एन.टी.आर. पुरस्कार
    1999 - पद्म विभूषण
    1999 - ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
    2000 - आई. आई. ए. एफ. का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
    2001 - स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
    2001 - भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न"
    2001 - नूरजहाँ पुरस्कार
    2001 - महाराष्ट्र भूषण